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Q 1:
'छाया मत छूना' से कवि का क्या आशय है?
A. | भविष्य की चिन्ता। | |
B. | भूत का डर। | |
C. | भूतकाल की परछाई। | |
D. | कठिनाई रुपी परछाई। |
Q 2:
कवि इस कविता के माध्यम से क्या संदेश देता है?
A. | यथार्थ का सामना करने का संदेश देता है। | |
B. | यथार्थ को साथ रखकर चलने की प्रेरणा देता है। | |
C. | यथार्थ को भूलाने का संदेश देता है। | |
D. | यथार्थ से भागने का संदेश देता है। |
Q 3:
'किसी चीज़ का वास्तव में न होकर उसका भ्रम होना' क्या कहलाता है? कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
A. | मृगतृष्णा | |
B. | तृष्णा | |
C. | लालसा | |
D. | भ्रमित |
Q 4:
'जीवन में हर खुशी के
पीछे दुख की परछाई व्याप्त होती है।'- प्रस्तुत कथन को पढ़िए और बताइए नीचे
दी किस पंक्ति में इस कथन का भाव निहित है?
A. | जितना ही दौड़ा तू उतना ही भरमाया। | |
B. | प्रभुता का शरण-बिंब केवल मृगतृष्णा है। | |
C. | हर चंद्रिका में छिपी एक रात कृष्णा है। | |
D. | तन-सुगंध शेष रही, बीत गई यामिनी। |
Q 5:
साहस होने के बाद भी मनुष्य जीवन पथ में क्यों नहीं बढ़ पाता है?
A. | अभिमान से ग्रस्त होने के कारण। | |
B. | दुविधाग्रस्त होने के कारण। | |
C. | मृगतृष्णा से भ्रमित हो जाने के कारण। | |
D. | यथार्थ से भयभीत हो जाने के कारण। |
Q 6:
'छाया मत छूना' कविता निराशा के भावों को बढ़ाती हुई प्रतीत होती है। क्या यह कथन सही है? हाँ या नहीं में उत्तर दीजिए?
A. | हाँ | |
B. | नहीं | |
Q 7:
'रस-बसंत' कवि ने किसके लिए कहा है?
A. | प्रेयसी के साथ के लिए। | |
B. | पत्नी के साथ के लिए। | |
C. | सुख के पलों के लिए। | |
D. | दुख के पलों के लिए। |
Q 8:
'भविष्य-वरण' इन शब्दों से किस बात की प्रेरणा मिलती है?
A. | यथार्थ को समझने की। | |
B. | जीवन को पकड़े रहने की। | |
C. | यथार्थ का सामना करने की। | |
D. | जीवन में कुछ अलग करने की। |
Q 9:
देह के सुखी होने पर भी मन के दुख का अंत क्यों नहीं होता?
A. | क्योंकि मनुष्य सदैव धन की लालसा करता है। | |
B. | क्योंकि मनुष्य जीवन को खेल समझता है। | |
C. | क्योंकि मनुष्य बीते सुख को पकड़कर दुखी रहता है। | |
D. | क्योंकि मनुष्य सदैव सफलता चाहता है। |
Q 10:
'चंद्रिका' किसका प्रतीक स्वरुप है?
A. | सुख | |
B. | दुख | |
C. | प्रेयसी मुख | |
D. | प्रेयसी वियोग |
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