पाठ 2 – बचपन
– कृष्णा सोबती
भाषा की बात
1. क्रियाओं से भी भाववाचक संज्ञाएँ बनती हैं। जैसे मारना से मार, काटना सेकाट, हारना से हार, सीखना से सीख, पलटना से पलट और हड़पना से हड़पआदि भाववाचक संज्ञाएँ बनी हैं। तुम भी इस संस्मरण से कुछ क्रियाओं को छाँट कर लिखो और उनसे भाववाचक संज्ञा बनाओ।
उत्तर
क्रिया – भाववाचक संज्ञा
चमकना – चमक
भागना – भाग
बदलना – बदल
खरीदना – खरीद
ओढ़ना – ओढ़
2. संस्मरण में आए अंग्रेज़ी के शब्दों को छाँटकर लिखो और उनके हिंदी अर्थ जानो।
उत्तर
अंग्रेजी शब्द – हिंदी अर्थ
फ्रॉक – लड़कियों के पहनने का घेरदार झबला
स्कर्ट – लड़कियों के पहनने का घेरदार घाघरा
चॉकलेटी – भूरा
लैमन कलर – नींबू जैसा रंग
ट्यूनिक – ढीला पोशाक
पोलिश – जूते को चमकाने के लिए
ऑलिव ऑयल – जैतून का तेल
कैस्टर ऑयल – रेड़ का तेल
ग्रामोफ़ोन – गाने सुनने का यंत्र
टेलीविज़न – दूरदर्शन
आइसक्रीम – कुलफ़ी जैसी
पेटीज़ – कचौड़ी जैसी
ब्राउन ब्रेड – भूरे रंग का पाव
चेस्टनट – अखरोट का फल
कन्फैक्शनरी काउंटर – मिठाई की दूकान का काउंटर
स्पीड – गति
3. अब तुम नीचे लिखे वाक्यों को पढ़ो और उनके सामने विशेषण के भेदों को लिखो –
(क) मुझे दो दर्जन केले चाहिए।
► दो दर्जन, निश्चित संख्यावाचक विशेषण
(ख) दो किलो अनाज दे दो।
► दो किलो, निश्चित परिमाणवाचक विशेषण
(ग) कुछ बच्चे आ रहे हैं।
► कुछ, अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण(घ) तुम्हारा सारा प्रयत्न बेकार रहा।
► तुम्हारा , सार्वनामिक विशेषण (ड) सभी लोग हँस रहे थे।
► सभी , अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण
(च) तुम्हारा नाम बहुत सुंदर है।
► बहुत , गुणवाचक विशेषण
4. कपडों में मेरी दिलचस्पियाँ मेरी मौसी जानती थीं।
इस वाक्य में रेखांकित शब्द ‘दिलचस्पियाँ’ और ‘मौसी’ संज्ञाओं की विशेषता बता रहे हैं, इसलिए ये सार्वनामिक विशेषण हैं। सर्वनाम कभी-कभी विशेषण का काम भी करते हैं। पाठ में से ऐसे पाँच उदाहरण छाँटकर लिखो।
मैं तुमसे कुछ इतनी बडी हूँ कि तुम्हारी दादी भी हो सकती हूँ नानी भी।
• बचपन में हमें अपने मोजे खुद धोने पड़ते थे।
• बचपन में हमें अपने मोजे खुद धोने पड़ते थे।
• हम बच्चे इतवार की सुबह इसी में लगाते।
• कुछ एकदम लाल, कुछ गुलाबी, रसभरी कसमल।
• मैंने अपने छोटे भार्इ का टोपा उठाकर सिर पर रखा।
• कुछ एकदम लाल, कुछ गुलाबी, रसभरी कसमल।
• मैंने अपने छोटे भार्इ का टोपा उठाकर सिर पर रखा।
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