Thursday, September 28, 2017

NADAN DOST

पाठ 3 – नादान दोस्त

     –  प्रेमचंद


कहानी से
1. केशव और श्यामा के मन में अंडों को देखकर तरह-तरह के सवाल क्यों उठते थे?
उत्तर
केशव और श्यामा के मन में अंडों को देखकर तरह-तरह के सवाल इसलिए उठते होगें क्योंकि उन्होंने ऐसा पहले कभी नहीं देखा था। वे अंडों के बारे में जानना चाहते थे।

2. अंडों के बारे में दोनों आपस ही में सवाल-जवाब करके अपने दिल को तसल्ली क्यों दे दिया करते थे?
उत्तर
केशव और श्यामा दोनों आपस ही में सवाल-जवाब करके अपने दिल को तसल्ली दे दिया करते थे क्योंकि उनके प्रश्नों का उत्तर देनेवाला कोई नहीं था। न अम्मा को घर के काम-धंधों से फ़ुरसत थी न बाबू जी को पढने-लिखने से।
3. अंडों के टूट जाने के बाद माँ के यह पूछने पर कि – ‘तुम लोगों ने अंडों को छुआ होगा।’ के जवाब में श्यामा ने क्या कहा और उसने ऐसा क्यों किया?
उत्तर
माँ के पूछने पर श्यामा ने कहा कि भइया ने अंडों को छेड़ा था क्योंकि उसे लगा भइया ने ही शायद अंडों को इस तरह रख दिया कि वह नीचे गिर पड़े। इसकी उसे सजा मिलनी चाहिए।
4. पाठ के आधार पर बताओ कि अंडे गंदे क्यों हुए और उन अंडों का क्या हुआ?
उत्तर
केशव के छूने से चिड़िया के अंडे गंदे हो गए और इसलिए चिड़िया ने उन्हें नहीं सेया। चिड़िया ने उन अंडों को गिरा दिया और वे बर्बाद हो गए।

5. सही उत्तर क्या है?
अंडों की देखभाल के लिए केशव और श्यामा धीरे से बाहर निकले क्योंकि –
(क) वे माँ की नींद नहीं तोड़ना चाहते थे। 
(ख) माँ नहीं चाहती थीं कि वे चिड़ियों की देखभाल करें। 
(ग) माँ नहीं चाहती थीं कि वे बाहर धूप में घूमें।

► (ग) माँ नहीं चाहती थीं कि वे बाहर धूप में घूमें।

6. केशव और श्यामा ने चिड़िया और अंडों की देखभाल के लिए किन तीन बातों का ध्यान रखा?
उत्तर
केशव और श्यामा ने चिड़िया और अंडों की देखभाल के लिए उनके आराम का, धूप से बचाने का और खाने का ध्यान रखा। आराम के लिए कपड़ा बिछाया, धूप से बचाने के लिए टोकरी से ढक दिया और खाने के लिए पास में दान और पानी की प्याली रखी।

7. कार्निस पर अंडों को देखकर केशव और श्यामा के मन में जो कल्पनाएँ आईं और उन्होंने चोरी-चुपके जो कुछ कार्य किए, क्या वे उचित थे? तर्क सहित उत्तर लिखो।
उत्तर
कार्निस पर अंडों को देखकर केशव और श्यामा के मन में जो कल्पनाएँ आईं और उन्होंने चोरी-चुपके जो कुछ कार्य किए, वे अनुचित थे। वे मदद तो करना चाहते थे परन्तु उनके पास जानकारियों का अभाव था इसलिए उन्होंने जितने भी कार्य किये, वो गलत थे।

8. पाठ से मालूम करो कि माँ को हँसी क्यों आई? तुम्हारी समझ से माँ को क्या करना चाहिए था?
उत्तर
माँ को बच्चों की नादानी व अज्ञानता पर हँसी आ गई। मेरी समझ से माँ को हँसने के बजाय उन्हें समझाना चाहिए था ताकि वो भविष्य में इन सब चीज़ों के प्रति सतर्क रहें।
कहानी से आगे
3. माँ के सोते ही केशव और श्यामा दोपहर में बाहर क्यों निकल आए? माँ के पूछने पर भी दोनों में से किसी ने किवाड़ खोलकर दोपहर में बाहर निकलने का कारण क्यों नहीं बताया?
उत्तर
माँ के सोते ही केशव और श्यामा दोपहर में चिड़िया के अंडो के लिए टोकरी और दाना-पानी रखने के लिए बाहर निकल आए। बताने पर उन्हें पिटाई का डर था इसलिए माँ  के पूछने पर भी दोनों में से किसी ने किवाड़ खोलकर दोपहर में बाहर निकलने का कारण नहीं बताया।

4. प्रेमचंद ने इस कहानी का नाम ‘नादान दोस्त’ रखा। तुम इसे क्या शीर्षक देना चाहोगे?
उत्तर
‘नादानी’

BHASHA KI BAAT

पाठ 2 – बचपन

     –  कृष्णा सोबती


भाषा की बात
1. क्रियाओं से भी भाववाचक संज्ञाएँ बनती हैं। जैसे मारना से मार, काटना सेकाट, हारना से हार, सीखना से सीख, पलटना से पलट और हड़पना से हड़पआदि भाववाचक संज्ञाएँ बनी हैं। तुम भी इस संस्मरण से कुछ क्रियाओं को छाँट कर लिखो और उनसे भाववाचक संज्ञा बनाओ।
उत्तर
क्रिया – भाववाचक संज्ञा
चमकना – चमक
भागना – भाग
बदलना – बदल
खरीदना – खरीद
ओढ़ना – ओढ़

2. संस्मरण में आए अंग्रेज़ी के शब्दों को छाँटकर लिखो और उनके हिंदी अर्थ जानो।
उत्तर
अंग्रेजी शब्द – हिंदी अर्थ
फ्रॉक – लड़कियों के पहनने का घेरदार झबला
स्कर्ट – लड़कियों के पहनने का घेरदार घाघरा
चॉकलेटी – भूरा
लैमन कलर – नींबू जैसा रंग
ट्यूनिक – ढीला पोशाक
पोलिश – जूते को चमकाने के लिए
ऑलिव ऑयल – जैतून का तेल
कैस्टर ऑयल – रेड़ का तेल
ग्रामोफ़ोन – गाने सुनने का यंत्र
टेलीविज़न – दूरदर्शन
आइसक्रीम – कुलफ़ी जैसी
पेटीज़ – कचौड़ी जैसी
ब्राउन ब्रेड – भूरे रंग का पाव
चेस्टनट – अखरोट का फल
कन्फैक्शनरी काउंटर – मिठाई की दूकान का काउंटर
स्पीड – गति

3. अब तुम नीचे लिखे वाक्यों को पढ़ो और उनके सामने विशेषण के भेदों को लिखो – 
(क) मुझे दो दर्जन केले चाहिए। 
► दो दर्जन, निश्चित संख्यावाचक विशेषण
(ख) दो किलो अनाज दे दो। 

► दो किलो, निश्चित परिमाणवाचक विशेषण

(ग) कुछ बच्चे आ रहे हैं। 

► कुछ, अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण(घ) तुम्हारा सारा प्रयत्न बेकार रहा। 

► तुम्हारा , सार्वनामिक विशेषण (ड) सभी लोग हँस रहे थे।

► सभी , अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण 
(च) तुम्हारा नाम बहुत सुंदर है।
► बहुत , गुणवाचक विशेषण

4. कपडों में मेरी दिलचस्पियाँ मेरी मौसी जानती थीं।

इस वाक्य में रेखांकित शब्द ‘दिलचस्पियाँ’ और ‘मौसी’ संज्ञाओं की विशेषता बता रहे हैं, इसलिए ये सार्वनामिक विशेषण हैं। सर्वनाम कभी-कभी विशेषण का काम भी करते हैं। पाठ में से ऐसे पाँच उदाहरण छाँटकर लिखो। 
 मैं तुमसे कुछ इतनी बडी हूँ कि तुम्हारी दादी भी हो सकती हूँ नानी भी। 
• बचपन में हमें अपने मोजे खुद धोने पड़ते थे।
• हम बच्चे इतवार की सुबह इसी में लगाते। 
• कुछ एकदम लाल, कुछ गुलाबी, रसभरी कसमल। 
• मैंने अपने छोटे भार्इ का टोपा उठाकर सिर पर रखा।

BACHPAN


पाठ 2 – बचपन

     –  कृष्णा सोबती


1. उम्र बढ़ने के साथ-साथ लेखिका में क्या-क्या बदलाव हुए हैं? पाठ से मालूम करके लिखो।
उत्तर
उम्र बढ़ने के साथ-साथ लेखिका के पहनावे में अनेक बदलाव आए। पहले वे रंग-बिरंगे कपडे पहनती थीं जैसे नीला-जामुनी-ग्रे-काला-चॉकलेटी परन्तु अब हलके रंग पहनने लगीं है। पहले वे फ्रॉक, निकर-वॉकर, स्कर्ट, लहँगे, गरारे पहनती थीं परंतु अब चूड़ीदार और घेरदार कुर्ते पहनने लगीं। पहनावे के साथ खाने में भी काफ़ी बदलाव आए।
2. लेखिका बचपन में इतवार की सुबह क्या-क्या काम करती थीं?
उत्तर
लेखिका बचपन में इतवार की सुबह अपने मोज़े व स्टॉकिंग को धोने और अपने जूतों को पोलिश करने का काम करती थीं।

3. ‘तुम्हें बताऊँगी कि हमारे समय और तुम्हारे समय में कितनी दूरी हो चुकी है।’ – यह कहकर लेखिका क्या-क्या बताती हैं?
उत्तर
यह कहकर लेखिका उनके और अभी के समय में अंतर स्पष्ट करती हैं। उस समय मनोरंजन का साधन ग्रामोफ़ोन था परन्तु आज रेडियो और टेलीविज़न ने उसकी जगह ले ली। पहले की कुलफ़ी अब आइसक्रीम हो गयी। कचौड़ी-समोसे की जगह अब पैटीज़ ने ले ली है। शहतूत और फ़ाल्से और खसखस के शरबत का स्थान कोक-पेप्सी ने ले लिया है।
4. पाठ से पता करके लिखो कि लेखिका के चश्मा लगाने पर उनके चचेरे भाई उन्हें क्यों छेड़ते थे।
उत्तर
लेखिका ने पहली बार चश्मा लगाया था इसलिए वो कुछ अजीब सी लग रही थीं, उन्हें खुद भी अटपटा सा लग रहा था। इस कारण उनके चचेरे भाई उन्हें छेड़ते थे।

5. लेखिका बचपन में कौन-कौन सी चीज़े मज़ा ले-लेकर खाती थीं? उनमें से प्रमुख फलों के नाम लिखो।
उत्तर

लेखिका बचपन में चाकलेट और चने जोर गरम और अनारदाने का चूर्ण मज़ा ले-लेकर खाती थीं। रसभरी, कसमल और काफ़ल उनके प्रिय फल थे।

Wednesday, September 20, 2017

भारत की खोज



भारत की खोज















पाठ 9 – टिकट-अलबम

पाठ 9 – टिकट-अलबम

   –  सुंदरा रामस्वामी

कहानी से

1. नागराजन ने अलबम के मुख्य पृष्ठ पर क्या लिखा और क्यों? इसका असर कक्षा के दूसरे लड़के-लड़कियों पर क्या हुआ?
उत्तर: अलबम के पहले पृष्ठ पर मोती जैसे अक्षरों में उसके मामा ने लिख भेजा था –
ए. एम. नागराजन
‘इस अलबम को चुराने वाला बेशर्म है। ऊपर लिखें नाम को कभी देखा है? यह अलबम मेरा है। जब तक घास हरी है और कमल लाल, सूरज जब तक पूर्व से उगे और पश्चिम में छिपे, उस अनंत काल तक के लिए यह अलबम मेरा है, रहेगा।’
इस वाक्य को क्लास के लड़कों ने अपने अलबम में उतार लिया और लड़कियों ने झट कापियों और किताबों में टीप लिया।

2. नागराजन के अलबम के हिट हो जाने के बाद राजप्पा के मन की क्या दशा हुई?
उत्तर: नागराजन के अलबम के हिट हो जाने के बाद राजप्पा मन ही मन कुढ़ रहा था। स्कूल जाना उसे अच्छा नहीं लगता था और लड़कों के सामने जाने में उसे शर्म आने लगी। उसके मन में जलन की भावना आ गई थी।

3. अलबम चुराते समय राजप्पा किस मानसिक स्थिति से गुज़र रहा था?
उत्तर: अलबम चुराते समय जब राजप्पा ने पहला पृष्ठ पढ़ा तो उसका दिल तेजी से धड़कने लगा। जब उसने अलमारी में अलबम रखा तो उसका पूरा शरीर जैसे जल रहा था। गला सूख रहा था और चेहरा तमतमाने लगा था।

4. राजप्पा ने नागराजन का टिकट-अलबम अँगीठी में क्यों डाल दिया?

उत्तर: राजप्पा ने नागराजन का टिकट-अलबम अँगीठी में इसलिए डाल दिया क्योंकि उसे लगा की उसकी चोरी पकड़ी जायेगी और पुलिस उसे पकड़ के ना ले जाए।

5. लेखक ने राजप्पा के टिकट इकट्ठा करने की तुलना मधुमक्खी से क्यों की?
उत्तर: लेखक ने राजप्पा के टिकट इकट्ठा करने की तुलना मधुमक्खी से इसलिए की क्योंकि जिस तरह मधुमक्खी विभिन्न फूलों का रस इकट्ठा करती है उसी तरह राज्प्पा ने भी विभिन्न स्थानों और व्यक्तियों से टिकट इकट्ठा कर अपना अलबम तैयार किया है।


कहानी से आगे

1. टिकटों की तरह ही बच्चे और बड़े दूसरी चीज़ें भी जमा करते हैं। सिक्के उनमें से एक हैं। तुम कुछ अन्य चीज़ों के बारे में सोचो जिन्हें जमा किया जा सकता है। उनके नाम लिखो।
उत्तर: अन्य चीज़ें जिसे जमा किया जा सकता है-
• पुराने सिक्के
• पौधे की पत्तियां
• विभिन्न देशों के रूपए या नोट

2. इकट्ठा किए हुए टिकटों का अलग-अलग तरह से वर्गीकरण किया जा सकता है, जैसे – देश के आधार पर। ऐसे और आधार सोचकर लिखो।
उत्तर: टिकटों को अलग करने के आधार-
• समय के आधार पर
• देश के आधार पर
• मूल्य के आधार पर
• डिज़ाइन के आधार पर
• आकार के आधार पर

अनुमान और कल्पना


1. राजप्पा अलबम के जलाए जाने की बात नागराजन को क्यों नहीं कह पाता है? अगर वह कह देता तो क्या कहानी के अंत पर कुछ फ़र्क पड़ता? कैसे?

उत्तर: 
राजप्पा अलबम के जलाए जाने की बात नागराजन को इसलिए नहीं बता पाता क्योंकि इससे पता चल जाता की अलबम राजप्पा ने चोरी किया है। अगर वह कह देता तो कहानी का अंत दूसरा होता। राजप्पा दोषी पाया जाता और सबकी नज़रों के सामने गिर जाता।


भाषा की बात
1. निम्नलिखित शब्दों को कहानी में ढूँढ़कर उनका अर्थ समझो। अब स्वयं सोचकर इनसे वाक्य बनाओ –
खोंसना, जमघट, टटोलना, कुढ़ना, अगुआ, पुचकारना, खलना, हेकड़ी।
उत्तर:
खोंसना – नैना ने अपनी कलम को बालों में खोंस लिया।
जमघट – सड़क के किनारे जमघट लगा था।
टटोलना – पैसे माँगे जाने पर रोहित ने अपनी जेब टटोलना शुरू कर दिया।
कुढ़ना – मोहित के ज्यादा नंबर आने से रोहन उससे कुढ़ने लगा।
अगुआ – राम खेल में अपने कक्षा का अगुआ बना।
पुचकारना – वह बच्चों को पुचकारने में लगा है।
खलना – वह अपने काम के कारण सबको खलने लगा।
हेकड़ी – अपनी हेकड़ी मेरे सामने मत दिखाओ।

2. कहानी से व्यक्तियों या वस्तुओं के लिए प्रयुक्त हुए ‘नहीं’ अर्थ देने वाले शब्दों (नकारात्मक विशेषण) को छाँटकर लिखो। उनका उलटा अर्थ देने वाले शब्द भी लिखो। 
उत्तर
नकरात्मक विशेषण – उल्टा अर्थ
बंद – खुला
घमंडी – स्वाभिमानी
चिंतित – निश्चिंत
ईर्ष्यालु – स्पर्धालु
फिसड्डी – अव्वल