Kanyadaan PPT
Friday, December 23, 2016
Friday, July 8, 2016
Class 7th NCERT Solutions
पाठ 1 - हम पंछी उन्मुक्त गगन के (कविता)
प्रश्न-अभ्यास
1. हर तरह की सुख सुविधाएँ पाकर भी पक्षी पिंजरे में बंद क्यों नही रहना चाहते?
उत्तर
हर तरह की सुख सुविधाएँ पाकर भी पक्षी पिंजरे में बंद इसलिए रहना नहीं चाहते क्योंकि उन्हें स्वतंत्रता पसंद है, वे बंधन में रहना नही चाहते। वे खुले आकाश में आजादीपूर्वक उड़ना चाहते हैं।
2. पक्षी उन्मुक्त रहकर अपनी कौन-कौन सी इच्छाएँ पूरी करना चाहते हैं?
उत्तर
पक्षी उन्मुक्त रहकर नदियों का शीतल जल पीना, कड़वी निबोरी खाना, पेड़ की सबसे ऊँची टहनी पर झूलना, खुले और विस्तृत आकाश में उड़ना, और क्षितिज के अंत तक उड़ने की इच्छाओं को पूरी करना चाहते हैं।
3. भाव स्पष्ट कीजिए -
"या तो क्षितिज मिलन बन जाता/या तनती साँसों की डोरी।"
उत्तर
पक्षी उन्मुक्त रहकर नदियों का शीतल जल पीना, कड़वी निबोरी खाना, पेड़ की सबसे ऊँची टहनी पर झूलना, खुले और विस्तृत आकाश में उड़ना, और क्षितिज के अंत तक उड़ने की इच्छाओं को पूरी करना चाहते हैं।
3. भाव स्पष्ट कीजिए -
"या तो क्षितिज मिलन बन जाता/या तनती साँसों की डोरी।"
उत्तर
इस पंक्ति में कवि ने बताया है कि पक्षी स्वतंत्र होकर क्षितिज यानी आकश और धरती के मिलन के स्थान तक जाने की इच्छा रखते हैं। वे या तो इसे प्राप्त करना चाहते हैं नहीं तो अपने प्राणों को न्योछावर कर दें।
कविता से आगे
1. बहुत से लोग पक्षी पालते हैं -
(क) पक्षियों को पालना उचित है अथवा नहीं? अपना विचार लिखिए।
उत्तर
पक्षियों का पालना अनुचित कार्य है क्योंकि इससे उनकी आजादी का हनन होता है। उनके पास पंख हैं, वे आसमान में उड़ना चाहती हैं। वे प्रकृति की छाँव में खुलकर रहना चाहती हैं ना की हमारे बंद पिंजरों में। जिस तरह हमें आजादी पसंद है उसी तरह वे भी स्वछंदता पसंद करती हैं क्योंकि बंधन में रहकर मिलने वाली सुविधाओं से आजादी की स्थिति श्रेष्ठ है।
2. पक्षियों को पिंजरे में बंद करने से केवल उनकी आज़ादी का हनन ही नहीं होता, अपितु पर्यावरण भी प्रभावित होता है। इस विषय पर दस पंक्तियों में अपने विचार लिखिए।
2. पक्षियों को पिंजरे में बंद करने से केवल उनकी आज़ादी का हनन ही नहीं होता, अपितु पर्यावरण भी प्रभावित होता है। इस विषय पर दस पंक्तियों में अपने विचार लिखिए।
उत्तर
पक्षियाँ हमारे पर्यावरण को संतुलित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। अगर हम उन्हें स्वछंदता ना प्रदान कर पिंजरे में बंद रखेंगे तो हमारा पर्यावरण पर भी बुरा प्रभाव पड़ेगा। ये पर्यावरण के अनेक चीज़ों में सहायक का काम करती हैं। कुछ पक्षी छोटे कीटों को खाते हैं जिससे संतुलन बनाये रखने में मदद मिलती है। पक्षी फलों को खाकर उनके बीजों को गिरा देते हैं जिसके फलस्वरूप नए-नए पौधों पनपते हैं। कुछ पक्षी सफाई का काम भी करती हैं। वे आसपास की हमारी फैलाई गंदगी जैसे रोटी का टुकड़ा आदि खाकर उसे स्वच्छ बनाये रखने का काम करते हैं। यदि ये पक्षी नहीं रहेंगे तो पर्यावरण दूषित हो जाएगा और मानव कई बीमारियों से ग्रस्त हो जाएगा। इसलिए पर्यावरण की तरह इनका भी एक महत्व है।
भाषा की बात
कविता से ढूंढ़कर इस प्रकार के तीन और उदाहरण लिखिए
पुलकित-पंख, कटुक-निबौरी, कनक-कटोरी
2. 'भूखे-प्यासे' में द्वंद्व समास है। इन दोनों शब्दों के बीच लगे चिहन को सामासिक चिह्न (-) कहते हैं। इस चिहन से 'और' का संकेत मिलता है, जैसे - भूखे-प्यासे=भूखे और प्यासे।
सुख-दुःख, रात-दिन, अमीर-गरीब, बुरा -भला , अपना-पराया, पाप-पुण्य, सही-गलत, धूप-छाँव, सुबह-शाम, खट्टा-मीठा।
उत्तर
• इस प्रकार के दस अन्य उदाहरण खोजकर लिखिए।
उत्तर
पाठ 2 - दादी माँ (कहानी)
प्रश्न-अभ्यास
उत्तर
लेखक को जब पता चला कि उसकी दादी माँ की मृत्यु हो गयी है तो उनके सामने दादी माँ के साथ बिताईं गई कई यादें जीवित हो उठीं। उसे अपने बचपन की स्मृतियाँ-गंधपूर्ण झाग्भारे जलाशयों में कूदना, बीमार होने पर दादी का दिन-रात सेवा करना, किशन भैया की शादी पर औरतों द्वारा किए जानेवाले गीत और अभिनय के समय चादर ओढ़कर सोना और पकड़े जाना आदि भी याद आ जाती हैं।
2. दादा की मृत्यु के बाद लेखक के घर की आर्थिक स्थिति खराब क्यों हो गयी थी?
लेखक को जब पता चला कि उसकी दादी माँ की मृत्यु हो गयी है तो उनके सामने दादी माँ के साथ बिताईं गई कई यादें जीवित हो उठीं। उसे अपने बचपन की स्मृतियाँ-गंधपूर्ण झाग्भारे जलाशयों में कूदना, बीमार होने पर दादी का दिन-रात सेवा करना, किशन भैया की शादी पर औरतों द्वारा किए जानेवाले गीत और अभिनय के समय चादर ओढ़कर सोना और पकड़े जाना आदि भी याद आ जाती हैं।
2. दादा की मृत्यु के बाद लेखक के घर की आर्थिक स्थिति खराब क्यों हो गयी थी?
उत्तर
दादा की मृत्यु के बाद लेखक के घर की आर्थिक स्थिति इसलिए ख़राब होने लगी क्योंकि उनके पिताजी व भैया ने धन का सही इस्तेमाल नही किया। ग़लत मित्रों की संगति से सारा धन नष्ट कर डाला। दादा के श्राद्ध में भी दादी माँ के मना करने पर भी लेखक के पिताजी ने अपार संपत्ति व्यय की।
3. दादी माँ के स्वभाव का कौन सा पक्ष आपको सबसे अच्छा लगता है और क्यों?
उत्तर
कहानी से आगे
उत्तर
आषाढ़ - इस महीने में वर्षा आरम्भ हो जाती है। कभी-कभी ना हो तो गर्मी बढ़ जाती है।
माघ - इस महीने में अत्यधिक ठंड होती है।
भाषा की बात
जरा-सी कठिनाई पड़ते
अनमना-सा हो जाता है
सन-से सफेद
समानता का बोध कराने के लिए सा, सी, से का प्रयोग किया जाता है।
ऐसे पाँच और शब्द लिखिए और उनका वाक्य में प्रयोग कीजिए।
उत्तर
नीला-सा - आकाश नीला-सा हो गया है।
कछुए-सी - शिक्षक को सामने देखकर उसकी चाल कछुए-सा हो गयी।
सागर-सा - कबीर के दोहों में सागर-सा गहरा ज्ञान है।
रुई-से - दादीजी के बाल रुई-से सफ़ेद हो गए थे।
इस प्रकार के पाँच वाक्य बनाइए।
उत्तर
वे जोकर के करतबों को देख-देखकर हँस रहे थे।
बच्चे अपने पाठ को बोल-बोलकर याद कर रहे थे।
वह अपनी बात को सच साबित करने के लिए जोर-जोर से चिल्ला रहा था।
उसके बार-बार के मूर्खतापूर्ण कार्यों से सब तंग आ गए।
भीड़ ने अपराधी को पीट-पीटकर अधमरा कर दिया।
उत्तर
बन्दा, लच्छन, भनक, किरपा, लक्षमण, रिसतेदार, लच्छमी, आदि।
पाठ 3 - हिमालय की बेटियां (निबंध)
प्रश्न अभ्यास
उत्तर
नदियों को माँ मानने की परम्परा हमारे यहाँ काफ़ी पुरानी है लेकिन लेखक नागार्जुन उन्हें बेटियों, प्रेयसी व बहन के रूपों में भी देखते हैं।
उत्तर
सिंधु और ब्रह्मपुत्र दोनों महानदियाँ हैं जिनमें सारी नदियों का संगम होता है। ये दो ऐसी नदियाँ हैं जो दयालु हिमालय के पिघले हुए दिल की एक-एक बूँद से निर्मित हुई हैं। इनका रूप इतना लुभावना है कि सौभाग्यशाली समुद्र भी पर्वतराज हिमालय की इन दो बेटियों का हाथ थामने पर गर्व महसूस करता है। इनका रूप विशाल और विराट है।
3. काका कालेलकर ने नदियों को लोकमाता क्यों कहा है?
3. काका कालेलकर ने नदियों को लोकमाता क्यों कहा है?
उत्तर
काका कालेलकर ने नदियों को लोकमाता इसलिए कहा है क्योंकि ये युगों से एक माँ की तरह हमारा भरण-पोषण करती रही है। ये हमें पीने को जल तथा मिट्टी को उपजाऊ बनाने में सहायक होती हैं। जिस तरह माता तमाम कष्ट सहने के बावजूद अपने पुत्रों का भला चाहती हैं उसी तरह नदियाँ भी मनाव द्वारा दूषित किये जाने के बावजूद जगत का कल्याण करती हैं।
4. हिमालय की यात्रा में लेखक ने किन-किन की प्रशंसा की है?
4. हिमालय की यात्रा में लेखक ने किन-किन की प्रशंसा की है?
उत्तर
हिमालय की यात्रा में लेखक ने इसके अनुपम छटा की, इनसे निकलने वाली नदियों की अठखेलियों की, बर्फ से ढँकी पहाड़ियों सुंदरता की, पेड़-पौधों से भरी घाटियों की, देवदार, चीड, सरो, चिनार, सफैदा, कैल से भरे जंगलों की प्रशंसा की है।
भाषा की बात
(क) संभ्रांत महिला की भाँति वे प्रतीत होती थीं।
(ख) माँ और दादी, मौसी और मामी की गोद की तरह उनकी धारा में डुबकियाँ लगाया करता।
अन्य पाठों से ऐसे पाँच तुलनात्मक प्रयोग निकालकर कक्षा में सुनाइए और उन सुंदर प्रयोगों को कॉपी में भी लिखिए।
उत्तर
2.बच्चे ऐसे सुंदर जैसे सोने के सजीव खिलौने।
3. हरी लकीर वाले सफ़ेद गोल कंचे। बड़े आँवले जैसे।
4. काली चीटियों-सी कतारें धूमिल हो रही हैं।
5.संध्या को स्वप्न की भाँति गुजार देते थे।
(क) परंतु इस बार जब मैं हिमालय के कंधे पर पर चढ़ा तो वे कुछ और रूप में सामने थीं।
(ख) काका कालेलकर ने नदियों को लोकमाता कहा है।
पाठ से इसी तरह के और उदाहरण ढूँढि़ए।
उत्तर
2. कितना सौभाग्यशाली है वह समुद्र जिसे पर्वतराज हिमालय की इन दो बेटियों का हाथ पकड़ने का श्रेय मिला।
3. बूढ़े हिमालय की गोद में बच्चियाँ बनकर ये कैसे खेला करती हैं।
4. हिमालय को ससुर और समुद्र को दामाद कहने में कुछ झिझक नहीं होती थी।
3. पिछली कक्षा में आप विशेषण और उसके भेदों से परिचय प्राप्त कर चुके हैं।
नीचे दिए गए विशेषण और विशेष्य (संज्ञा) का मिलान कीजिए -
3. बूढ़े हिमालय की गोद में बच्चियाँ बनकर ये कैसे खेला करती हैं।
4. हिमालय को ससुर और समुद्र को दामाद कहने में कुछ झिझक नहीं होती थी।
3. पिछली कक्षा में आप विशेषण और उसके भेदों से परिचय प्राप्त कर चुके हैं।
नीचे दिए गए विशेषण और विशेष्य (संज्ञा) का मिलान कीजिए -
विशेषण | विशेष्य |
संभ्रांत चंचल समतल घना मूसलधार | वर्षा जंगल महिला नदियाँ आँगन |
उत्तर
विशेषण
|
विशेष्य
|
संभ्रांत चंचल समतल घना मूसलधार | महिला नदियाँ आँगन जंगल वर्षा |
4. द्वंद्व समास के दोनों पद प्रधान होते हैं। इस समास में 'और' शब्द का लोप हो जाता है जैसे - राजा-रानी द्वंद्व समास है जिसका अर्थ है राजा और रानी। पाठ में कई स्थानों पर द्वंद्व समासों का प्रयोग किया गया है। इन्हें खोजकर वर्णमाला क्रम (शब्दकोश-शैली) में लिखिए।
उत्तर
दुबली-पतली
भाव-भंगी
माँ-बाप
भाव-भंगी
माँ-बाप
उत्तर
धारा - राधा (व्यक्तिवाचक संज्ञा)
नव - वन (जातिवाचक संज्ञा)
राम - मरा (भाववाचक संज्ञा)
राही - हीरा (द्रव्यवाचक संज्ञा)
गल - लग (भाववाचक संज्ञा)
सतलुज रोपड़ झेलम चिनाब अजमेर बनारस | सतद्रुम रूपपुर वितस्ता विपाशा अजयमेरु वाराणसी |
7. 'उनके खयाल में शायद ही यह बात आ सके कि बूढ़े हिमालय की गोद में बच्चियाँ बनकर ये कैसे खेला करती हैं।'
उपर्युक्त पंक्ति में 'ही' के प्रयोग की ओर ध्यान दीजिए। 'ही' वाला वाक्य नकारात्मक अर्थ दे रहा है। इसीलिए 'ही' वाले वाक्य में कही गई बात को हम ऐसे भी कह सकते हैं - उनके खयाल में शायद यह बात न आ सके।
इसी प्रकार नकारात्मक प्रश्नवाचक वाक्य कई बार 'नहीं' के अर्थ में इस्तेमाल नहीं होते हैं, जैसे-महात्मा गांधी को कौन नहीं जानता? दोनों प्रकार के वाक्यों के समान तीन-तीन उदाहरण सोचिए और इस दृष्टि से उनका विश्लेषण कीजिए।
उत्तर
'ही' वाले वाक्य जिनका प्रयोग नकारात्मक अर्थ देता है-
1. वे शायद ही इस कलम का इस्तेमाल करें।
2. बच्चे शायद ही स्कुल जाएँ।
3. वे शायद ही मेरी बात टालें।
'नहीं' वाले वाक्य जिनका प्रयोग नहीं के अर्थ में इस्तेमाल नहीं होते हैं -
1. ऐसा कौन क्रिकेट फैन है जो सचिन तेंदुलकर को नहीँ जानता हो।
2. वृक्ष से होने वाले लाभ को कौन नही जानता।
3. सच्चे दोस्तों का महत्व कौन नही जानता।
पाठ 4 - कठपुतली (कविता)
प्रश्न अभ्यास
1. कठपुतली को गुस्सा क्यों आया?
उत्तर
कठपुतली धागे से बाँधकर रखा जाता था। वह इस बंधन से तंग आ गई थी। वह स्वतंत्र रहना चाहती थी, अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती थी। धागे से बँधे रहना उसे पराधीनता लगती है इसीलिए उसे गुस्सा आता है।
2. कठपुतली को अपने पाँवों पर खड़ी होने की इच्छा है, लेकिन वह क्यों नहीं खड़ी होती?
उत्तर
कठपुतली को अपने पाँवों पर खड़ी होने की इच्छा है किन्तु वह खड़ी इसलिए नही होती क्योंकि उसके पास स्वतंत्र रूप से खड़े हो सकने की क्षमता नहीं है। जब सारे कठपुतलियों की स्वतंत्रता की जिम्मेदारी उस पर आती है तो उसे लगता है कि कहीं उसका यह कदम सबको मुसीबत में ना डाल दे।
3. पहली कठपुतली की बात दूसरी कठपुतलियों को क्यों अच्छी लगी?
उत्तर
पहली कठपुतली स्वतंत्र होकर अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती है परन्तु जब उसपर सभी कठपुतलियों की स्वतंत्रता की जिम्मेदारी आती है, तो वह डर जाती है। उसे लगने लगता है कहीं उसका उठाया गया कदम सबको मुसीबत में ना डाल दे। वह स्वतंत्रता प्राप्त करने के उपाय तथा उसे हमेशा बनाए रखने के उपाय सोचने लगती है। उसे लगता है कि अभी उसकी उम्र कम है, वह सबकी जिम्मेदारी नही उठा सकती।
कविता से आगे
1. 'बहुत दिन हुए/हमें अपने मन के छंद छुए।' - इस पंक्ति का अर्थ और क्या हो सकता है? अगले पृष्ठ पर दिए हुए वाक्यों की सहायता से सोचिए और अर्थ लिखिए -
1. बहुत दिन हो गए, मन में कोई उमंग नही आई।
2. बहुत दिन हो गए, मन के भीतर कविता-सी कोई बात नहीं उठी, जिसमें छंद हो, लय हो।
3. बहुत दिन हो गए, गाने-गुनगुनाने का मन नहीं हुआ।
4. बहुत दिन हो गए, मन का दुख दूर नहीं हुआ और न मन में खुशी आई।
उत्तर
बहुत दिन हो गए, मन का दुख दूर नहीं हुआ और न मन में खुशी आई।
2. नीचे दो स्वतंत्रता आंदोलनों के वर्ष दिए गए हैं। इन दोनों आंदोलनों के दो-दो स्वतंत्रता सेनानियों के नाम लिखिए -
1. सन् 1857
2. सन् 1942
उत्तर
1. सन् 1857
• वीर कुंवर सिंह
• रानी लक्ष्मीबाई
2. सन् 1942
• सुभाषचंद्र बोस
भाषा की बात
1. कई बार जब दो शब्द आपस में जुड़ते हैं तो उनके मूल रूप में परिवर्तन हो जाता है। कठपुतली शब्द में भी इस प्रकार का सामान्य परिवर्तन हुआ है। जब काठ और पुतली दो शब्द एक साथ हुए कठपुतली शब्द बन गया और इससे बोलने में सरलता आ गई। इस प्रकार के कुछ शब्द बनाइए -
जैसे - काठ (कठ) से बना - कठगुलाब, कठफोड़ा
हाथ-हथ सोना-सोन मिट्टी-मट
उत्तर
हाथ-हथ - हथकरघा, हथकड़ी, हथगोला
सोना-सोन - सोनभद्रा, सोनजूही, सोनपापड़ी
मिट्टी-मट - मटमैला, मटका, मटर
2. कविता की भाषा में लय या तालमेल बनाने के लिए प्रचलित शब्दों और वाक्यों में बदलाव होता है। जैसे -आगे-पीछे अधिक प्रचलित शब्दों की जोड़ी है, लेकिन कविता में 'पीछे-आगे' का प्रयोग हुआ है। यहाँ 'आगे' का '...बोली ये धागे' से ध्वनि का तालमेल है। इस प्रकार के शब्दों की जोड़ियों में आप भी परिवर्तन कीजिए - दुबला-पतला, इधर-उधर, ऊपर-नीचे, दाएँ-बाएँ, गोरा-काला, लाल-पीला आदि।
उत्तर
पतला - दुबला
उधर - इधर
नीचे - ऊपर
बाएँ - दाएँ
काला - गोरा
पीला -लाल
कठपुतली धागे से बाँधकर रखा जाता था। वह इस बंधन से तंग आ गई थी। वह स्वतंत्र रहना चाहती थी, अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती थी। धागे से बँधे रहना उसे पराधीनता लगती है इसीलिए उसे गुस्सा आता है।
2. कठपुतली को अपने पाँवों पर खड़ी होने की इच्छा है, लेकिन वह क्यों नहीं खड़ी होती?
उत्तर
कठपुतली को अपने पाँवों पर खड़ी होने की इच्छा है किन्तु वह खड़ी इसलिए नही होती क्योंकि उसके पास स्वतंत्र रूप से खड़े हो सकने की क्षमता नहीं है। जब सारे कठपुतलियों की स्वतंत्रता की जिम्मेदारी उस पर आती है तो उसे लगता है कि कहीं उसका यह कदम सबको मुसीबत में ना डाल दे।
3. पहली कठपुतली की बात दूसरी कठपुतलियों को क्यों अच्छी लगी?
उत्तर
पहली कठपुतली की बात दूसरी कठपुतलियों को इसलिए अच्छी लगी क्योंकि स्वतंत्रता सभी को प्रिय होती है।वे भी बंधन में दुखी हो चुकी थीं और अपना जीवन इच्छानुसार जीना चाहती थीं।
4. पहली कठपुतली ने स्वयं कहा कि -'ये धागे/क्यों हैं मेरे पीछे-आगे?/ इन्हें तोड़ दो;/मुझे मेरे पाँवों पर छोड़ दो।' -तो फिर वह चिंतित क्यों हुई कि - 'ये कैसी इच्छा/मेरे मन में जगी?' नीचे दिए वाक्यों की सहायता से अपने विचार व्यक्त कीजिए -
• उसे दूसरी कठपुतलियों की जिम्मेदारी महसूस होने लगी।
4. पहली कठपुतली ने स्वयं कहा कि -'ये धागे/क्यों हैं मेरे पीछे-आगे?/ इन्हें तोड़ दो;/मुझे मेरे पाँवों पर छोड़ दो।' -तो फिर वह चिंतित क्यों हुई कि - 'ये कैसी इच्छा/मेरे मन में जगी?' नीचे दिए वाक्यों की सहायता से अपने विचार व्यक्त कीजिए -
• उसे दूसरी कठपुतलियों की जिम्मेदारी महसूस होने लगी।
• उसे शीघ्र स्वतंत्र होने की चिंता होने लगी।
• वह स्वतंत्रता की इच्छा को साकार करने और स्वतंत्रता को हमेशा बनाए रखने के उपाय सोचने लगी।
• वह डर गई, क्योंकि उसकी उम्र कम थी।
• वह स्वतंत्रता की इच्छा को साकार करने और स्वतंत्रता को हमेशा बनाए रखने के उपाय सोचने लगी।
• वह डर गई, क्योंकि उसकी उम्र कम थी।
उत्तर
पहली कठपुतली स्वतंत्र होकर अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती है परन्तु जब उसपर सभी कठपुतलियों की स्वतंत्रता की जिम्मेदारी आती है, तो वह डर जाती है। उसे लगने लगता है कहीं उसका उठाया गया कदम सबको मुसीबत में ना डाल दे। वह स्वतंत्रता प्राप्त करने के उपाय तथा उसे हमेशा बनाए रखने के उपाय सोचने लगती है। उसे लगता है कि अभी उसकी उम्र कम है, वह सबकी जिम्मेदारी नही उठा सकती।
कविता से आगे
1. 'बहुत दिन हुए/हमें अपने मन के छंद छुए।' - इस पंक्ति का अर्थ और क्या हो सकता है? अगले पृष्ठ पर दिए हुए वाक्यों की सहायता से सोचिए और अर्थ लिखिए -
1. बहुत दिन हो गए, मन में कोई उमंग नही आई।
2. बहुत दिन हो गए, मन के भीतर कविता-सी कोई बात नहीं उठी, जिसमें छंद हो, लय हो।
3. बहुत दिन हो गए, गाने-गुनगुनाने का मन नहीं हुआ।
4. बहुत दिन हो गए, मन का दुख दूर नहीं हुआ और न मन में खुशी आई।
उत्तर
बहुत दिन हो गए, मन का दुख दूर नहीं हुआ और न मन में खुशी आई।
2. नीचे दो स्वतंत्रता आंदोलनों के वर्ष दिए गए हैं। इन दोनों आंदोलनों के दो-दो स्वतंत्रता सेनानियों के नाम लिखिए -
1. सन् 1857
2. सन् 1942
उत्तर
1. सन् 1857
• वीर कुंवर सिंह
• रानी लक्ष्मीबाई
2. सन् 1942
• सुभाषचंद्र बोस
• सरदार वल्लभ भाई पटेल
भाषा की बात
1. कई बार जब दो शब्द आपस में जुड़ते हैं तो उनके मूल रूप में परिवर्तन हो जाता है। कठपुतली शब्द में भी इस प्रकार का सामान्य परिवर्तन हुआ है। जब काठ और पुतली दो शब्द एक साथ हुए कठपुतली शब्द बन गया और इससे बोलने में सरलता आ गई। इस प्रकार के कुछ शब्द बनाइए -
जैसे - काठ (कठ) से बना - कठगुलाब, कठफोड़ा
हाथ-हथ सोना-सोन मिट्टी-मट
उत्तर
हाथ-हथ - हथकरघा, हथकड़ी, हथगोला
सोना-सोन - सोनभद्रा, सोनजूही, सोनपापड़ी
मिट्टी-मट - मटमैला, मटका, मटर
2. कविता की भाषा में लय या तालमेल बनाने के लिए प्रचलित शब्दों और वाक्यों में बदलाव होता है। जैसे -आगे-पीछे अधिक प्रचलित शब्दों की जोड़ी है, लेकिन कविता में 'पीछे-आगे' का प्रयोग हुआ है। यहाँ 'आगे' का '...बोली ये धागे' से ध्वनि का तालमेल है। इस प्रकार के शब्दों की जोड़ियों में आप भी परिवर्तन कीजिए - दुबला-पतला, इधर-उधर, ऊपर-नीचे, दाएँ-बाएँ, गोरा-काला, लाल-पीला आदि।
पतला - दुबला
उधर - इधर
नीचे - ऊपर
बाएँ - दाएँ
काला - गोरा
पीला -लाल
पाठ 5 - मिठाईवाला (कहानी)
प्रश्न अभ्यास
1. मिठाईवाला अलग-अलग चीज़ें क्यों बेचता था और वह महीनों बाद क्यों आता था?
उत्तर
मिठाईवाला अलग-अलग चीज़ें इसलिए बेचता ताकि एक ही चीज़ बार-बार मिलने से बच्चे ऊब ना जाएँ और वह महीनों बाद इसलिए आता था क्योंकि उसे सभी बच्चों के लिए चीज़ें इंतजाम करनी होती थीं। इससे बच्चों में उत्सुकता भी बनी रहती थी।
2. मिठाईवाले में वे कौन से गुण थे जिनकी वजह से बच्चे तो बच्चे, बड़े भी उसकी ओर खीचें चले आते थे?
उत्तर
मिठाईवाला मादक-मधुर ढंग से गाकर अपनी चीज़ें बेचता था तथा वह चीज़ों के दाम भी कम लेता था। उसे बच्चों से बड़ा स्नेह था और कभी गुस्सा नही करता। इन कारणों से बच्चे तो बच्चे, बड़े भी उसकी ओर खीचें चले आते थे।
3. विजय बाबू एक ग्राहक थे और मुरलीवाला एक विक्रेता। दोनों अपने-अपने पक्ष के समर्थन में क्या तर्क पेश करते हैं?
उत्तर
विजय बाबू एक ग्राहक के तौर पर तर्क देते हैं कि दुकानदार को झूठ बोलने की आदत होती है। सबको सामान एक ही भाव में देते हैं पर ग्राहक को दाम ज्यादा बताकर बाद में कम कर देते हो पर अहसान का बोझ डाल देते हो।
4. खिलौनेवाले के आने पर बच्चों की क्या प्रतिक्रिया होती थी?
उत्तर
खिलौनेवाले के आने पर उसके मधुर आवाज़ से निकट के मकानों में हलचल मच जाती। बच्चे पुलकित हो उठते। वे पैसे लेकर मोलभाव करने लग जाते और खिलौने लेकर फिर उछल-कूद करने लगते।
5. रोहिणी को मुरलीवाले के स्वर से खिलौनेवाले का स्मरण क्यों हो गया?
उत्तर
मुरलीवाले का स्वर रोहिणी को जानी पहचानी से लगी। उसे याद आया कि खिलौनेवाला भी इसी प्रकार मधुर कंठ से गाकर खिलौने बेचा करता था इसलिए उसे खिलौनेवाले का स्मरण हो गया।
6. किसकी बात सुनकर मिठाईवाला भावुक हो गया था? उसने इन व्यवसायों को अपनाने का क्या कारण बताया?
उत्तर
रोहिणी की बात सुनकर मिठाईवाला भावुक हो गया था। उसने बताया कि उसके भी दो बच्चे थे जो की अब इस दुनिया में नही रहे इसलिए उसने इस व्यवसाय को अपना लिया क्योंकि उसे अपने बच्चों झलक दूसरों के बच्चों में मिल जाती है।
7. 'अब इस बार ये पैसे न लूँगा' - कहानी के अंत में मिठाईवाले ने ऐसा क्यों कहा?
उत्तर
कहानी के अंत में मिठाईवाले ने पैसे लेने से इसलिए मन कर दिया क्योंकि पहली बार किसी ने उसके दुःख को समझने का प्रयास किया साथ ही उसे चुन्नू-मुन्नु में अपने ही बच्चे नज़र आए। उसे लगा की वह अपने बच्चों को मिठाई दे रहा है।
8. इस कहानी में रोहिणी चिक के पीछे से बात करती है। क्या आज भी औरतें चिक के पीछे से बात करती हैं? यदि करती हैं तो क्यों? आपकी राय में क्या यह सही है?
उत्तर
शहरों में स्त्रियाँ चिक के पीछे से बात नही करतीं परन्तु आज भी गाँवों में तथा रूढ़िवादी परिवारों में इनका पालन होता है क्योंकि ऐसा करना संस्कार के साथ-साथ सम्मान के तौर पर भी लिया जाता है।
मेरी राय में यह बिलकुल भी उचित नही है चूँकि स्त्रियों के स्वतंत्रता के हनन करने जैसा है। ये उनके प्रगति को तो रोकता ही साथ देश की प्रगति में भी संकट पैदा करता है।
भाषा की बात
1. मिठाईवाला बोलनेवाली गुडि़या
ऊपर 'वाला' का प्रयोग है।अब बताइए कि-
उत्तर
(क) वाला से पहले आने वाला शब्द संज्ञा है जैसे - मिठाई, बोलना आदि।
(ख) ऊपर वाले वाक्यांश में उनका प्रयोग किसी व्यक्ति और वस्तु के लिए हुआ है।
1. मिठाईवाला अलग-अलग चीज़ें क्यों बेचता था और वह महीनों बाद क्यों आता था?
उत्तर
मिठाईवाला अलग-अलग चीज़ें इसलिए बेचता ताकि एक ही चीज़ बार-बार मिलने से बच्चे ऊब ना जाएँ और वह महीनों बाद इसलिए आता था क्योंकि उसे सभी बच्चों के लिए चीज़ें इंतजाम करनी होती थीं। इससे बच्चों में उत्सुकता भी बनी रहती थी।
2. मिठाईवाले में वे कौन से गुण थे जिनकी वजह से बच्चे तो बच्चे, बड़े भी उसकी ओर खीचें चले आते थे?
उत्तर
मिठाईवाला मादक-मधुर ढंग से गाकर अपनी चीज़ें बेचता था तथा वह चीज़ों के दाम भी कम लेता था। उसे बच्चों से बड़ा स्नेह था और कभी गुस्सा नही करता। इन कारणों से बच्चे तो बच्चे, बड़े भी उसकी ओर खीचें चले आते थे।
3. विजय बाबू एक ग्राहक थे और मुरलीवाला एक विक्रेता। दोनों अपने-अपने पक्ष के समर्थन में क्या तर्क पेश करते हैं?
उत्तर
विजय बाबू एक ग्राहक के तौर पर तर्क देते हैं कि दुकानदार को झूठ बोलने की आदत होती है। सबको सामान एक ही भाव में देते हैं पर ग्राहक को दाम ज्यादा बताकर बाद में कम कर देते हो पर अहसान का बोझ डाल देते हो।
मुरलीवाला एक विक्रेता के तौर पर देता है कि ग्राहक को सामान की असली लागत का पता नहीं होता है और दुकानदार हानि उठाकर सामान क्यों न बेचे पर ग्राहक को लगता है कि दूकानदार उसे लूट ही रहा है।
उत्तर
खिलौनेवाले के आने पर उसके मधुर आवाज़ से निकट के मकानों में हलचल मच जाती। बच्चे पुलकित हो उठते। वे पैसे लेकर मोलभाव करने लग जाते और खिलौने लेकर फिर उछल-कूद करने लगते।
5. रोहिणी को मुरलीवाले के स्वर से खिलौनेवाले का स्मरण क्यों हो गया?
उत्तर
मुरलीवाले का स्वर रोहिणी को जानी पहचानी से लगी। उसे याद आया कि खिलौनेवाला भी इसी प्रकार मधुर कंठ से गाकर खिलौने बेचा करता था इसलिए उसे खिलौनेवाले का स्मरण हो गया।
6. किसकी बात सुनकर मिठाईवाला भावुक हो गया था? उसने इन व्यवसायों को अपनाने का क्या कारण बताया?
उत्तर
रोहिणी की बात सुनकर मिठाईवाला भावुक हो गया था। उसने बताया कि उसके भी दो बच्चे थे जो की अब इस दुनिया में नही रहे इसलिए उसने इस व्यवसाय को अपना लिया क्योंकि उसे अपने बच्चों झलक दूसरों के बच्चों में मिल जाती है।
7. 'अब इस बार ये पैसे न लूँगा' - कहानी के अंत में मिठाईवाले ने ऐसा क्यों कहा?
उत्तर
कहानी के अंत में मिठाईवाले ने पैसे लेने से इसलिए मन कर दिया क्योंकि पहली बार किसी ने उसके दुःख को समझने का प्रयास किया साथ ही उसे चुन्नू-मुन्नु में अपने ही बच्चे नज़र आए। उसे लगा की वह अपने बच्चों को मिठाई दे रहा है।
8. इस कहानी में रोहिणी चिक के पीछे से बात करती है। क्या आज भी औरतें चिक के पीछे से बात करती हैं? यदि करती हैं तो क्यों? आपकी राय में क्या यह सही है?
उत्तर
शहरों में स्त्रियाँ चिक के पीछे से बात नही करतीं परन्तु आज भी गाँवों में तथा रूढ़िवादी परिवारों में इनका पालन होता है क्योंकि ऐसा करना संस्कार के साथ-साथ सम्मान के तौर पर भी लिया जाता है।
मेरी राय में यह बिलकुल भी उचित नही है चूँकि स्त्रियों के स्वतंत्रता के हनन करने जैसा है। ये उनके प्रगति को तो रोकता ही साथ देश की प्रगति में भी संकट पैदा करता है।
भाषा की बात
1. मिठाईवाला बोलनेवाली गुडि़या
ऊपर 'वाला' का प्रयोग है।अब बताइए कि-
(क) 'वाला' से पहले आनेवाले शब्द संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण आदि में से क्या हैं?
(ख) ऊपर लिखे वाक्यांशों में उनका क्या प्रयोग है?
(ख) ऊपर लिखे वाक्यांशों में उनका क्या प्रयोग है?
उत्तर
(क) वाला से पहले आने वाला शब्द संज्ञा है जैसे - मिठाई, बोलना आदि।
(ख) ऊपर वाले वाक्यांश में उनका प्रयोग किसी व्यक्ति और वस्तु के लिए हुआ है।
पाठ - 6 रक्त और हमारा शरीर (निबंध)
प्रश्न अभ्यास
1. रक्त के बहाव को रोकने के लिए क्या करना चाहिए?
उत्तर
रक्त के बहाव को रोकने लिए उस स्थान पर कसकर एक साफ़ कपड़ा बाँध देना चाहिए चूँकि दबाव पड़ने पर रक्त का बहना कम हो जाता है, जो व्यक्ति के लिए लाभप्रद सिद्ध होता है फिर तुरंत हमें उस व्यक्ति को डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए।
2. खून को 'भानुमती का पिटारा' क्यों कहा जाता है?
उत्तर
जिस तरह भानुमति के पिटारे में कई तरह की वस्तुएँ मौजूद होती हैं उसी तरह अगर हम खून की एक बून्द को भी सूक्ष्मदर्शी द्वारा देखें तो उसमें लाखों की संख्या में लाल रक्त कण मौजूद मिलेंगें। इसके अलावा कुछ कण सफ़ेद तथा कुछ रंगहीन होते हैं। तरल भाग प्लाज्मा होता है रंगहीन कण प्लाज्मा में तैरते रहते हैं। इन्हीं विविधताओं के कारण खून को भानुमती का पिटारा कहा जाता है।
3. एनीमिया से बचने के लिए हमें क्या-क्या खाना चाहिए?
उत्तर
एनीमिया से बचने के लिए हमें पौष्टिक और संतुलित आहार का सेवन करना चाहिए। हमें प्रोटीन, विटामिन और लौह-तत्व युक्त भोजन जैसे हरी सब्जी, फल, दूध, अंडें आदि खाने चाहिए।
4. पेट में कीड़े क्यों हो जाते हैं? इनसे कैसे बचा जा सकता है?
उत्तर
पेट में कीड़े प्रायः दूषित जल पीने और दूषित खाना खाने से होते हैं। कुछ ऐसे किस्म के भी कीड़े होते हैं जिनके अंडे जमीन की ऊपरी सतह में होते हैं और उनसे निकले लार्वे त्वचा के रास्ते हमारे पीट में चले जाते हैं।
इनसे बचने के लिए हमें सफाई से बनाये गए खाद्य पदार्थों को खाना चाहिए। भोजन करने से पहले और बाद में हाथ अच्छी तरह से धोना चाहिए और साफ़ पानी पीना चाहिए। ख़ास किस्म के कीड़ों से बचने के लिए हमें शौच के लिए शौचालय का प्रयोग करना चाहिए तथा नंगे पैर इधर-उधर घूमने से बचना चाहिए।
5. रक्त के सफ़ेद कणों को 'वीर सिपाही' क्यों कहा गया है?
उत्तर
जब रोगाणु शरीर पर हमला करते हैं तो रक्त के सफ़ेद कण उनसे डटकर मुकाबला करते हैं और जहाँ तक संभव होता है वह रोगाणुओं को हमारे शरीर के भीतर घर करने नही देते इसलिए इन्हें वीर सिपाही कहा गया है।
6. ब्लड-बैंक में रक्तदान से क्या लाभ हैं?
उत्तर
ब्लड-बैंक में रक्दान से हम खून की आवश्यकता वाले मरीजों की जान बचा सकते हैं। किसी आवश्यक मरीज को किसी भी रक्त-समूह का रक्त ब्लड-बैंक से दिया जा सकता है।
7. साँस लेने पर साफ़ हवा से ऑक्सीजन प्राप्त होती है, उसे शरीर के हर हिस्से निम्न में से कौन पहुँचाता है?
सफ़ेद कण, लालकण, साँस नाली, फेफड़े
उत्तर
साँस लेने पर साफ़ हवा से जो ऑक्सीजन प्राप्त होती है, उसे शरीर के हर हिस्से में लाल रक्त कण पहुँचाते हैं।
पाठ से आगे
1. रक्त में हीमोग्लोबिन के लिए किस खनिज की आवश्यकता पड़ती है -
उत्तर
लोहा खनिज
2. बिम्बाणु (प्लेटलैट कण) की कमी किस बीमारी में पाई जाती है -
उत्तर
डेंगू
भाषा की बात
1. (क) चार महीने के होते-होते ये नष्ट हो जाते हैं -
इस वाक्य को ध्यान से पढ़िए।इस वाक्य में 'होते-होते' के प्रयोग से यह बताया गया है कि चार महीने से पूर्व ही ये नष्ट हो जाते हैं। इस तरह के पाँच वाक्य बनाइए जिनमें इन शब्दों का प्रयोग हो -
बनते-बनते, पहुँचते-पहुँचते, लेते-लेते, करते-करते
उत्तर
बात बनते-बनते बिगड़ गयी।
स्टेशन पर पहुँचते-पहुँचते हमारी ट्रेन खुल गयी।
वह अपना सामान लेते-लेते रह गयी।
मैं अपना होमवर्क करते-करते थक गया।
1. (ख) इन प्रयोगों को पढ़िए -
सड़क के किनारे-किनारे पेड़ लगे हैं।
आज दूर-दूर तक वर्षा होगी।
इन वाक्यों में 'होते-होते' की तरह 'किनारे-किनारे' और 'दूर-दूर' शब्द दोहराए गए हैं। पर हर वाक्य में अर्थ भिन्न है।
किनारे-किनारे का अर्थ है - किनारे से लगा हुआ और दूर-दूर का-बहुत दूर तक।
आप भी निम्नलिखित शब्दों का प्रयोग करते हुए वाक्य बनाइए और उनके अर्थ लिखिए -
ठीक-ठीक, घड़ी-घड़ी, कहीं-कहीं, घर-घर, क्या-क्या
उत्तर
ठीक-ठीक (ठीक से) - उसने क्या बोला यह मुझे ठीक-ठीक याद नही है।
घडी-घडी (हर समय) - तुम घडी-घडी खेलते मत रहो।
कहीं-कहीं (कहीं पर) - यहाँ कहीं-कहीं पर आपको मोर देखने को मिल जाएँगे।
घर-घर (हर घर में) - यहाँ घर-घर कंप्यूटर है।
क्या-क्या (क्या) - बाजार से क्या-क्या लाना है।
2. इस पाठ में दिए गए मुहावरों और कहावतों को पढ़िए और वाक्यों में प्रयोग कीजिए -
1. रक्त के बहाव को रोकने के लिए क्या करना चाहिए?
उत्तर
रक्त के बहाव को रोकने लिए उस स्थान पर कसकर एक साफ़ कपड़ा बाँध देना चाहिए चूँकि दबाव पड़ने पर रक्त का बहना कम हो जाता है, जो व्यक्ति के लिए लाभप्रद सिद्ध होता है फिर तुरंत हमें उस व्यक्ति को डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए।
2. खून को 'भानुमती का पिटारा' क्यों कहा जाता है?
उत्तर
जिस तरह भानुमति के पिटारे में कई तरह की वस्तुएँ मौजूद होती हैं उसी तरह अगर हम खून की एक बून्द को भी सूक्ष्मदर्शी द्वारा देखें तो उसमें लाखों की संख्या में लाल रक्त कण मौजूद मिलेंगें। इसके अलावा कुछ कण सफ़ेद तथा कुछ रंगहीन होते हैं। तरल भाग प्लाज्मा होता है रंगहीन कण प्लाज्मा में तैरते रहते हैं। इन्हीं विविधताओं के कारण खून को भानुमती का पिटारा कहा जाता है।
3. एनीमिया से बचने के लिए हमें क्या-क्या खाना चाहिए?
उत्तर
एनीमिया से बचने के लिए हमें पौष्टिक और संतुलित आहार का सेवन करना चाहिए। हमें प्रोटीन, विटामिन और लौह-तत्व युक्त भोजन जैसे हरी सब्जी, फल, दूध, अंडें आदि खाने चाहिए।
4. पेट में कीड़े क्यों हो जाते हैं? इनसे कैसे बचा जा सकता है?
उत्तर
पेट में कीड़े प्रायः दूषित जल पीने और दूषित खाना खाने से होते हैं। कुछ ऐसे किस्म के भी कीड़े होते हैं जिनके अंडे जमीन की ऊपरी सतह में होते हैं और उनसे निकले लार्वे त्वचा के रास्ते हमारे पीट में चले जाते हैं।
इनसे बचने के लिए हमें सफाई से बनाये गए खाद्य पदार्थों को खाना चाहिए। भोजन करने से पहले और बाद में हाथ अच्छी तरह से धोना चाहिए और साफ़ पानी पीना चाहिए। ख़ास किस्म के कीड़ों से बचने के लिए हमें शौच के लिए शौचालय का प्रयोग करना चाहिए तथा नंगे पैर इधर-उधर घूमने से बचना चाहिए।
5. रक्त के सफ़ेद कणों को 'वीर सिपाही' क्यों कहा गया है?
उत्तर
जब रोगाणु शरीर पर हमला करते हैं तो रक्त के सफ़ेद कण उनसे डटकर मुकाबला करते हैं और जहाँ तक संभव होता है वह रोगाणुओं को हमारे शरीर के भीतर घर करने नही देते इसलिए इन्हें वीर सिपाही कहा गया है।
6. ब्लड-बैंक में रक्तदान से क्या लाभ हैं?
उत्तर
ब्लड-बैंक में रक्दान से हम खून की आवश्यकता वाले मरीजों की जान बचा सकते हैं। किसी आवश्यक मरीज को किसी भी रक्त-समूह का रक्त ब्लड-बैंक से दिया जा सकता है।
7. साँस लेने पर साफ़ हवा से ऑक्सीजन प्राप्त होती है, उसे शरीर के हर हिस्से निम्न में से कौन पहुँचाता है?
सफ़ेद कण, लालकण, साँस नाली, फेफड़े
उत्तर
साँस लेने पर साफ़ हवा से जो ऑक्सीजन प्राप्त होती है, उसे शरीर के हर हिस्से में लाल रक्त कण पहुँचाते हैं।
पाठ से आगे
1. रक्त में हीमोग्लोबिन के लिए किस खनिज की आवश्यकता पड़ती है -
जस्ता, शीशा, लोहा, प्लैटिनम
उत्तर
लोहा खनिज
2. बिम्बाणु (प्लेटलैट कण) की कमी किस बीमारी में पाई जाती है -
टाइफायड, मलेरिया, डेंगू, फाइलेरिया
उत्तर
डेंगू
भाषा की बात
1. (क) चार महीने के होते-होते ये नष्ट हो जाते हैं -
इस वाक्य को ध्यान से पढ़िए।इस वाक्य में 'होते-होते' के प्रयोग से यह बताया गया है कि चार महीने से पूर्व ही ये नष्ट हो जाते हैं। इस तरह के पाँच वाक्य बनाइए जिनमें इन शब्दों का प्रयोग हो -
बनते-बनते, पहुँचते-पहुँचते, लेते-लेते, करते-करते
उत्तर
बात बनते-बनते बिगड़ गयी।
स्टेशन पर पहुँचते-पहुँचते हमारी ट्रेन खुल गयी।
वह अपना सामान लेते-लेते रह गयी।
मैं अपना होमवर्क करते-करते थक गया।
1. (ख) इन प्रयोगों को पढ़िए -
सड़क के किनारे-किनारे पेड़ लगे हैं।
आज दूर-दूर तक वर्षा होगी।
इन वाक्यों में 'होते-होते' की तरह 'किनारे-किनारे' और 'दूर-दूर' शब्द दोहराए गए हैं। पर हर वाक्य में अर्थ भिन्न है।
किनारे-किनारे का अर्थ है - किनारे से लगा हुआ और दूर-दूर का-बहुत दूर तक।
आप भी निम्नलिखित शब्दों का प्रयोग करते हुए वाक्य बनाइए और उनके अर्थ लिखिए -
ठीक-ठीक, घड़ी-घड़ी, कहीं-कहीं, घर-घर, क्या-क्या
उत्तर
ठीक-ठीक (ठीक से) - उसने क्या बोला यह मुझे ठीक-ठीक याद नही है।
घडी-घडी (हर समय) - तुम घडी-घडी खेलते मत रहो।
कहीं-कहीं (कहीं पर) - यहाँ कहीं-कहीं पर आपको मोर देखने को मिल जाएँगे।
घर-घर (हर घर में) - यहाँ घर-घर कंप्यूटर है।
क्या-क्या (क्या) - बाजार से क्या-क्या लाना है।
2. इस पाठ में दिए गए मुहावरों और कहावतों को पढ़िए और वाक्यों में प्रयोग कीजिए -
'भानुमती का पिटारा', 'दस्तक देना', 'धावा बोलना', 'घर करना', 'पीठ ठोकना'।
उत्तर
हमारा संदूक भानुमति का पिटारा बन गया है।
लगता है किसी ने दरवाजे पर दस्तक दी।
जैसे ही उसने कुत्ते को पत्थर मारा उसने धावा बोल दिया।
यह शंका तुम्हारे दिमाग में घर कर गयी हैं।
अध्यक्ष द्वारा पुरस्कृत होने पर सबने उसकी पीठ ठोकी।
प्रश्न अभ्यास
उत्तर
एक बार जोरों की आँधी आने के कारण खंभा पेड़ के ऊपर गिर जाता है, उस समय पेड़ उसे सँभाल लेता है और इस प्रयास में वह ज़ख्मी भी हो जाता है। इस घटना से खंभें में जो गुरुर होता है, वह खत्म हो जाता है और अंत में दोनों की दोस्ती हो जाती है।
3. लैटरबक्स को सभी लाल ताऊ कहकर क्यों पुकारते थे?
उत्तर
लैटरबक्स ऊपर से नीचे पूरा लाल रंग में रँगा था साथ ही वह बड़ों की तरह बातें भी करता था इसलिए सभी उसे लाल ताऊ कहकर पुकारते थे।
4. लाल ताऊ किस प्रकार बाकी पात्रों से भिन्न है?
उत्तर
लाल ताऊ को पढ़ना-लिखना आता है इसलिए वो नाटक के अन्य पात्रों से भिन्न है। उसे दोहे भजन भी गाना आता है।
5. नाटक में बच्ची को बचानेवाले पात्रों में एक ही सजीव पात्र है। उसकी कौन-कौन सी बातें आपको मजेदार लगीं? लिखिए।
उत्तर
नाटक में बच्ची को बचानेवाले पात्रों में एक ही सजीव पात्र कौआ है। उसकी कुछ मजेदार बातें हैं -
• "ताऊ एक जगह बैठकर यह कैसे जान सकोगे? उसके लिए तो मेरी तरह रोज चारों दिशाओं में गश्त लगानी पड़ेगी, तब जान पाओगे यह सब।"
• "वह दुष्ट कौन है? पहले उसे नज़र तो आने दीजिए।"
• "सुबह जब हो जाए तो पेड़ राजा, आप अपनी घनी छाया इस पर किये रहें। वह आराम से देर तक सोई रहेगी।"
6. क्या वजह थी कि सभी पात्र मिलकर भी लड़की को उसके घर नहीं पहुँचा पा रहे थे?
उत्तर
सभी पात्र मिलकर भी लड़की को उसके घर नहीं पहुँचा पा रहे थे क्योंकि लड़की बहुत छोटी थी उसे अपने घर का पता, यहाँ तक कि अपने पापा के नाम भी मालूम नही था जिस कारण उसे घर पहुँचाना बहुत कठिन था।
2. मराठी से अनूदित इस नाटक का शीर्षक 'पापा खो गए' क्यों रखा गया होगा? अगर आपके मन में कोई दूसरा शीर्षक हो तो सुझाइए और साथ में कारण भी बताइए।
उत्तर
इस नाटक का शीर्षक 'पापा खो गए' इसलिए रखा गया होगा क्योंकि लड़की को अपने पापा का नाम-पता कुछ भी मालूम नहीं था। नाटक के सभी पात्र मिलकर उसके पापा को खोजने की योजना बनाते हैं।
इस नाटक का दूसरा शीर्षक 'लापता बच्ची' भी रखा जा सकता है चूँकि पूरे नाटक बच्ची के घर का पता लगाने का प्रयास किया जाता है।
भाषा की बात
1. आपने देखा होगा कि नाटक के बीच-बीच में कुछ निर्देश दिए गए हैं। ऐसे निर्देशों से नाटक के दृश्य स्पष्ट होते हैं, जिन्हें नाटक खेलते हुए मंच पर दिखाया जाता है,
जैसे - 'सड़क / रात का समय...दूर कहीं कुत्तों के भौंकने की आवाज।' यदि आपको रात का दृश्य मंच पर दिखाना हो तो क्या-क्या करेंगे, सोचकर लिखिए।
उत्तर
रात का दृश्य दिखाने के लिए हम निम्नलिखित निर्देशों का प्रयोग कर सकते हैं -
• चाँदनी रात का दृश्य है। आसमान में तारे दिख रहे हैं।
• अँधेरी रात होने के कारण सड़कें सुनसान हैं। कुत्तों के भौंकने की आवाज़ आ रही है।
2. पाठ को पढ़ते हुए आपका ध्यान कई तरह के विराम चिहन की ओर गया होगा।
अगले पृष्ठ पर दिए गए अंश से विराम चिह्नों को हटा दिया गया है।
ध्यानपूर्वक पढि़ए तथा उपयुक्त चिहन लगाइए -
मुझ पर भी एक रात आसमान से गड़गड़ाती बिजली आकर पड़ी थी अरे बाप रे वो बिजली थी या आफ़त याद आते ही अब भी दिल धक-धक करने लगता है और बिजली जहाँ गिरी थी वहाँ खड्डा कितना गहरा पड़ गया था खंभे महाराज अब जब कभी बारिश होती है तो मुझे उस रात की याद हो आती है, अंग थरथर काँपने लगते हैं
उत्तर
मुझ पर भी एक रात आसमान से गड़गड़ाती बिजली आकर पड़ी थी। अरे, बाप रे ! वो बिजली थी या आफ़त ! याद आते ही अब भी दिल धक-धक करने लगता है और बिजली जहाँ गिरी थी वहाँ खड्डा कितना गहरा पड़ गया था, खंभे महाराज ! अब जब कभी बारिश होती है तो मुझे उस रात की याद हो आती है। अंग थरथर काँपने लगते हैं।
उत्तर
हमारा संदूक भानुमति का पिटारा बन गया है।
लगता है किसी ने दरवाजे पर दस्तक दी।
जैसे ही उसने कुत्ते को पत्थर मारा उसने धावा बोल दिया।
यह शंका तुम्हारे दिमाग में घर कर गयी हैं।
अध्यक्ष द्वारा पुरस्कृत होने पर सबने उसकी पीठ ठोकी।
पाठ - 7 पापा खो गए (नाटक)
प्रश्न अभ्यास
1. नाटक में आपको सबसे बुद्धिमान पात्र कौन लगा और क्यों?
उत्तर
नाटक में सबसे बुद्धिमान पात्र मुझे कौआ लगा क्योंकि उसने ही लड़की के पापा को खोजने का उपाय बताया। उसी की योजना के कारण लैटरबक्स सन्देश लिख पाता है।
2. पेड़ और खंभे में दोस्ती कैसे हुई?
नाटक में सबसे बुद्धिमान पात्र मुझे कौआ लगा क्योंकि उसने ही लड़की के पापा को खोजने का उपाय बताया। उसी की योजना के कारण लैटरबक्स सन्देश लिख पाता है।
2. पेड़ और खंभे में दोस्ती कैसे हुई?
उत्तर
एक बार जोरों की आँधी आने के कारण खंभा पेड़ के ऊपर गिर जाता है, उस समय पेड़ उसे सँभाल लेता है और इस प्रयास में वह ज़ख्मी भी हो जाता है। इस घटना से खंभें में जो गुरुर होता है, वह खत्म हो जाता है और अंत में दोनों की दोस्ती हो जाती है।
3. लैटरबक्स को सभी लाल ताऊ कहकर क्यों पुकारते थे?
उत्तर
लैटरबक्स ऊपर से नीचे पूरा लाल रंग में रँगा था साथ ही वह बड़ों की तरह बातें भी करता था इसलिए सभी उसे लाल ताऊ कहकर पुकारते थे।
4. लाल ताऊ किस प्रकार बाकी पात्रों से भिन्न है?
उत्तर
लाल ताऊ को पढ़ना-लिखना आता है इसलिए वो नाटक के अन्य पात्रों से भिन्न है। उसे दोहे भजन भी गाना आता है।
5. नाटक में बच्ची को बचानेवाले पात्रों में एक ही सजीव पात्र है। उसकी कौन-कौन सी बातें आपको मजेदार लगीं? लिखिए।
उत्तर
नाटक में बच्ची को बचानेवाले पात्रों में एक ही सजीव पात्र कौआ है। उसकी कुछ मजेदार बातें हैं -
• "ताऊ एक जगह बैठकर यह कैसे जान सकोगे? उसके लिए तो मेरी तरह रोज चारों दिशाओं में गश्त लगानी पड़ेगी, तब जान पाओगे यह सब।"
• "वह दुष्ट कौन है? पहले उसे नज़र तो आने दीजिए।"
• "सुबह जब हो जाए तो पेड़ राजा, आप अपनी घनी छाया इस पर किये रहें। वह आराम से देर तक सोई रहेगी।"
6. क्या वजह थी कि सभी पात्र मिलकर भी लड़की को उसके घर नहीं पहुँचा पा रहे थे?
उत्तर
सभी पात्र मिलकर भी लड़की को उसके घर नहीं पहुँचा पा रहे थे क्योंकि लड़की बहुत छोटी थी उसे अपने घर का पता, यहाँ तक कि अपने पापा के नाम भी मालूम नही था जिस कारण उसे घर पहुँचाना बहुत कठिन था।
2. मराठी से अनूदित इस नाटक का शीर्षक 'पापा खो गए' क्यों रखा गया होगा? अगर आपके मन में कोई दूसरा शीर्षक हो तो सुझाइए और साथ में कारण भी बताइए।
उत्तर
इस नाटक का शीर्षक 'पापा खो गए' इसलिए रखा गया होगा क्योंकि लड़की को अपने पापा का नाम-पता कुछ भी मालूम नहीं था। नाटक के सभी पात्र मिलकर उसके पापा को खोजने की योजना बनाते हैं।
इस नाटक का दूसरा शीर्षक 'लापता बच्ची' भी रखा जा सकता है चूँकि पूरे नाटक बच्ची के घर का पता लगाने का प्रयास किया जाता है।
भाषा की बात
1. आपने देखा होगा कि नाटक के बीच-बीच में कुछ निर्देश दिए गए हैं। ऐसे निर्देशों से नाटक के दृश्य स्पष्ट होते हैं, जिन्हें नाटक खेलते हुए मंच पर दिखाया जाता है,
जैसे - 'सड़क / रात का समय...दूर कहीं कुत्तों के भौंकने की आवाज।' यदि आपको रात का दृश्य मंच पर दिखाना हो तो क्या-क्या करेंगे, सोचकर लिखिए।
उत्तर
रात का दृश्य दिखाने के लिए हम निम्नलिखित निर्देशों का प्रयोग कर सकते हैं -
• चाँदनी रात का दृश्य है। आसमान में तारे दिख रहे हैं।
• अँधेरी रात होने के कारण सड़कें सुनसान हैं। कुत्तों के भौंकने की आवाज़ आ रही है।
2. पाठ को पढ़ते हुए आपका ध्यान कई तरह के विराम चिहन की ओर गया होगा।
अगले पृष्ठ पर दिए गए अंश से विराम चिह्नों को हटा दिया गया है।
ध्यानपूर्वक पढि़ए तथा उपयुक्त चिहन लगाइए -
मुझ पर भी एक रात आसमान से गड़गड़ाती बिजली आकर पड़ी थी अरे बाप रे वो बिजली थी या आफ़त याद आते ही अब भी दिल धक-धक करने लगता है और बिजली जहाँ गिरी थी वहाँ खड्डा कितना गहरा पड़ गया था खंभे महाराज अब जब कभी बारिश होती है तो मुझे उस रात की याद हो आती है, अंग थरथर काँपने लगते हैं
उत्तर
मुझ पर भी एक रात आसमान से गड़गड़ाती बिजली आकर पड़ी थी। अरे, बाप रे ! वो बिजली थी या आफ़त ! याद आते ही अब भी दिल धक-धक करने लगता है और बिजली जहाँ गिरी थी वहाँ खड्डा कितना गहरा पड़ गया था, खंभे महाराज ! अब जब कभी बारिश होती है तो मुझे उस रात की याद हो आती है। अंग थरथर काँपने लगते हैं।
पाठ - 8 शाम-एक किसान (कविता)
प्रश्न अभ्यास
1. इस कविता में शाम के दृश्य को किसान के रूप में दिखाया गया है - यह एक रूपक है। इसे बनाने के लिए पाँच एकरूपताओं की जोड़ी बनाई गई है। उन्हें उपमा कहते हैं। पहली एकरूपता आकाश और साफ़े में दिखाते हुए कविता में 'आकाश का साफ़ा' वाक्यांश आया है। इसी तरह तीसरी एकरूपता नदी और चादर में दिखाई गई है, मानो नदी चादर-सी हो। अब आप दूसरी, चौथी और पाँचवी एकरूपताओं को खोजकर लिखिए।
उत्तर
दूसरी एकरूपता - चिलम सूरज-सी
चौथी एकरूपता - अँगीठी पलाश के फूलों-सी
पाँचवी एकरूपता - अंधकार भेड़ों के गल्ले-सा
2. शाम का दृश्य अपने घर की छत या खिड़की से देखकर बताइए -
क) शाम कब से शुरू हुई?
उत्तर
क) शाम छः बजे से शुरू हुई।
ख) सूरज को डूबने में करीब एक घंटा लगा।
ग) इस बीच आसमान का रंग लाल और कुछ देर बाद पीले रंग में परिवर्तित हो गया और कुछ देर बाद सूरज आसमान से गायब हो गया और चारों ओर अँधेरा छा गया।
3. मोर के बोलने पर कवि को लगा जैसे किसी ने कहा हो - 'सुनते हो'। नीचे दिए गए पक्षियों की बोली सुनकर उन्हें भी एक या दो शब्दों में बाँधिए -
कबूतर कौआ मैना
उत्तर
कबूतर - भाई, ख़त ले लो।
कौआ - सुनते हो, घर में मेहमान आने वाले हैं।
मैना - कैसे हो?
कविता से आगे
1. इस कविता को चित्रित करने के लिए किन-किन रंगों का प्रयोग करना होगा?
उत्तर
इस कविता को चित्रित करने के लिए हमें पीला, भूरा, लाल, सफ़ेद, काला, हरा, आदि अनेक रंगों का प्रयोग करना पड़ेगा।
3. हिन्दी के एक प्रसिद्ध कवि सुमित्रानंदन पंत ने संध्या का वर्णन इस प्रकार किया है -
संध्या का झुटपुट-
बाँसों का झुरमुट-
है चहक रहीं चिडि़याँ
टी-वी-टी--टुट्-टुट्
• ऊपर दी गई कविता और सर्वेश्वरदयाल जी की कविता में आपको क्या मुख्य अंतर लगा? लिखिए।
उत्तर
सुमित्रानंदन पंत ने अपनी कविता में संध्या का दृश्य चिड़ियों के माध्यम से दिखाया है वहीं सर्वेश्वरदयाल जी ने संध्या का दृश्य किसान के माध्यम से प्रस्तुत किया है। यही इन दोनों की कविताओं में मुख्य अंतर है।
भाषा की बात
1. लिखी पंक्तियों में रेखांकित शब्दों को ध्यान से देखिए-
(क) घुटनों पर पड़ी है नदी चादर-सी
(ख) सिमटा बैठा है भेड़ों के गल्ले-सा
(ग) पानी का परदा-सा मेरे आसपास था हिल रहा
(घ) मँडराता रहता था एक मरियल-सा कुत्ता आस-पास
(ड) दिल है छोटा-सा छोटी-सी आशा
(च) घास पर फुदकती नन्ही-सी चिडि़या
• इन पंक्तियों में सा/सी का प्रयोग व्याकरण की दृष्टि से कैसे शब्दों के साथ हो रहा है?
उत्तर
इन पंक्तियों में सा/सी का प्रयोग उन शब्दों के साथ किया जा रहा है जिनकी उपमा दी जा रही है। जैसे-नदी चादर-सी अर्थात् नदी चादर के समान। इससे इनमें तुलना और समानता प्रकट की जा रही है।
2. निम्नलिखित शब्दों का प्रयोग आप किन संदर्भों में करेंगे? प्रत्येक शब्द के लिए दो-दो संदर्भ (वाक्य) रचिए। आँधी दहक सिमटा
उत्तर
आँधी - इस वक़्त मेरे मन में आशंकाओं की आँधी चल रही है।
कल रात में आई आँधी ने सब कुछ तबाह कर दिया।
दहक - उसे देखते ही मेरे मन में एक ज्वाला दहक उठा।
चूल्हे की आग अब तक दहक रही है।
सिमटा - डाँट खाने के बाद वो कोने में सिमटा बैठा है।
उसका कारोबार धीरे-धीरे सिमट रहा है।
1. इस कविता में शाम के दृश्य को किसान के रूप में दिखाया गया है - यह एक रूपक है। इसे बनाने के लिए पाँच एकरूपताओं की जोड़ी बनाई गई है। उन्हें उपमा कहते हैं। पहली एकरूपता आकाश और साफ़े में दिखाते हुए कविता में 'आकाश का साफ़ा' वाक्यांश आया है। इसी तरह तीसरी एकरूपता नदी और चादर में दिखाई गई है, मानो नदी चादर-सी हो। अब आप दूसरी, चौथी और पाँचवी एकरूपताओं को खोजकर लिखिए।
उत्तर
दूसरी एकरूपता - चिलम सूरज-सी
चौथी एकरूपता - अँगीठी पलाश के फूलों-सी
पाँचवी एकरूपता - अंधकार भेड़ों के गल्ले-सा
2. शाम का दृश्य अपने घर की छत या खिड़की से देखकर बताइए -
क) शाम कब से शुरू हुई?
ख) तब से लेकर सूरज डूबने में कितना समय लगा?
ग) इस बीच आसमान में क्या-क्या परिवर्तन आए?
ग) इस बीच आसमान में क्या-क्या परिवर्तन आए?
उत्तर
क) शाम छः बजे से शुरू हुई।
ख) सूरज को डूबने में करीब एक घंटा लगा।
ग) इस बीच आसमान का रंग लाल और कुछ देर बाद पीले रंग में परिवर्तित हो गया और कुछ देर बाद सूरज आसमान से गायब हो गया और चारों ओर अँधेरा छा गया।
3. मोर के बोलने पर कवि को लगा जैसे किसी ने कहा हो - 'सुनते हो'। नीचे दिए गए पक्षियों की बोली सुनकर उन्हें भी एक या दो शब्दों में बाँधिए -
कबूतर कौआ मैना
तोता चील हंस
उत्तर
कबूतर - भाई, ख़त ले लो।
कौआ - सुनते हो, घर में मेहमान आने वाले हैं।
मैना - कैसे हो?
तोता - राम! राम! भाई।
चील - अरे,वह देखो नीचे क्या पड़ा है।
हंस - मेरी तरह शांत और स्वच्छ रहो।
चील - अरे,वह देखो नीचे क्या पड़ा है।
हंस - मेरी तरह शांत और स्वच्छ रहो।
कविता से आगे
1. इस कविता को चित्रित करने के लिए किन-किन रंगों का प्रयोग करना होगा?
उत्तर
इस कविता को चित्रित करने के लिए हमें पीला, भूरा, लाल, सफ़ेद, काला, हरा, आदि अनेक रंगों का प्रयोग करना पड़ेगा।
3. हिन्दी के एक प्रसिद्ध कवि सुमित्रानंदन पंत ने संध्या का वर्णन इस प्रकार किया है -
संध्या का झुटपुट-
बाँसों का झुरमुट-
है चहक रहीं चिडि़याँ
टी-वी-टी--टुट्-टुट्
• ऊपर दी गई कविता और सर्वेश्वरदयाल जी की कविता में आपको क्या मुख्य अंतर लगा? लिखिए।
उत्तर
सुमित्रानंदन पंत ने अपनी कविता में संध्या का दृश्य चिड़ियों के माध्यम से दिखाया है वहीं सर्वेश्वरदयाल जी ने संध्या का दृश्य किसान के माध्यम से प्रस्तुत किया है। यही इन दोनों की कविताओं में मुख्य अंतर है।
भाषा की बात
1. लिखी पंक्तियों में रेखांकित शब्दों को ध्यान से देखिए-
(क) घुटनों पर पड़ी है नदी चादर-सी
(ख) सिमटा बैठा है भेड़ों के गल्ले-सा
(ग) पानी का परदा-सा मेरे आसपास था हिल रहा
(घ) मँडराता रहता था एक मरियल-सा कुत्ता आस-पास
(ड) दिल है छोटा-सा छोटी-सी आशा
(च) घास पर फुदकती नन्ही-सी चिडि़या
• इन पंक्तियों में सा/सी का प्रयोग व्याकरण की दृष्टि से कैसे शब्दों के साथ हो रहा है?
उत्तर
इन पंक्तियों में सा/सी का प्रयोग उन शब्दों के साथ किया जा रहा है जिनकी उपमा दी जा रही है। जैसे-नदी चादर-सी अर्थात् नदी चादर के समान। इससे इनमें तुलना और समानता प्रकट की जा रही है।
2. निम्नलिखित शब्दों का प्रयोग आप किन संदर्भों में करेंगे? प्रत्येक शब्द के लिए दो-दो संदर्भ (वाक्य) रचिए। आँधी दहक सिमटा
उत्तर
आँधी - इस वक़्त मेरे मन में आशंकाओं की आँधी चल रही है।
कल रात में आई आँधी ने सब कुछ तबाह कर दिया।
दहक - उसे देखते ही मेरे मन में एक ज्वाला दहक उठा।
चूल्हे की आग अब तक दहक रही है।
सिमटा - डाँट खाने के बाद वो कोने में सिमटा बैठा है।
उसका कारोबार धीरे-धीरे सिमट रहा है।
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